Posted by: डॉ. रमा द्विवेदी | दिसम्बर 16, 2017

गिरावट -लघु कथा

 

डॉ ठाकुर ने बेटी की विदाई होते ही सभी रिश्तेदारों के सामने घोषणा कर दी कि “मैं दूसरी शादी करना चाहता हूँ” |
सब लोग आश्चर्य चकित रह गए ,यह क्या कह रहा  है ?
सबने ठाकुर को समझाने की कोशिश की लेकिन उसने किसी की न सुनी | “उस पर तो प्यार  का भूत  सवार था ”|
मिसेज ठकुराइन के तो  होश उड़ गए ,उसने तो कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि जिस पति की वह पच्चीस वर्षों से तन -मन -वचन से सेवा कर रही है ,वह सबके सामने उसका इतना अपमान करेगा ? वह जिससे शादी करना चाहता है वह उसकी असिस्टेंट है और कई वर्षों से उसके सम्बन्ध उससे रहें हैं लेकिन  सब जानते हुए भी उसने कभी कुछ इसलिए नहीं कहा कि बच्चों पर गलत असर पड़ेगा”  |
उसने हिम्मत जुटा  कर  सिर्फ इतना ही कहा -“ मैं इस उम्र में कहाँ जाऊँगी  ”?
 डॉ ठाकुर ने कहा- “ मैं तुम्हारे रहने और खाने पीने का इंतज़ाम कर देता हूँ | अगर तुम रहना चाहो तो अलग रहो या अपने मायके चली जाओ  और हाँ  लड़का मेरे साथ रहेगा जब तक वह पढ़ लिखकर   नौकरी नहीं करने लगता ” |
ठकुराइन सोचने लगी -“ क्या मैंने इस आदमी को रोज  बादाम गिरी  इसलिए खिलाई थी कि अपनी मर्दानगी मुझ पर ही  निकाले ? किसी की सोच में इतनी गिरावट कैसे  आ सकती है ,सहसा वह विश्वास न कर सकी  ?
–डॉ रमा द्विवेदी

 

 


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