मध्य प्रदेश के गढ़ा जबलपुर मे २५ जनवरी १९३० को जन्में श्री राजेन्द्र अवस्थी वर्तमान मे` ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ‘ के जनरल सेक्रेटरी थे । नवभारत,सारिका ,नंदन,साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के आप संपादक भी रहे हैं। आपकी चर्चित कृतियों में `सूरज किरण की छाँव,जंगल के फूल,जाने कितनी आँखें,बीमार शहर,अकेली आवाज,मछली बाजार(उपन्यास)मकड़ी के जाले,दो जोड़ी आँखें,मेरी प्रिय कहानियाँ (कहानी संग्रह) उतरते ज्वार की सीपियाँ,एक औरत से इन्टरव्यु और दोस्तों की दुनिया उनके काव्य संग्रह हैं। `जंगल से शहर तक’ उनके द्वारा लिखा गया यात्रा वृतान्त है।
दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी ने उन्हें वर्ष १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।
३० दिसम्बर की सुबह लगभग ९.३० बजे दिल्ली के एस्कार्ट हास्पिटल में श्री राजेन्द्र अवस्थी ने अंतिम साँस ली । हिंदी साहित्य जगत ने एक कर्मठ साहित्यकार को खो दिया है यह क्षति अपूर्णनीय है ।
कादम्बिनी क्लब,हैदराबाद एवं ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के हैदराबाद चैप्टर की संयोजिका डा. अहिल्या मिश्र एवं समस्त सदस्यों की ओर से श्री राजेन्द्र अवस्थी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
डा. रमा द्विवेदी
भावभीनी श्रद्धांजलि
By: समीर लाल 'उड़न तश्तरी वाले' on जनवरी 1, 2010
at 1:37 पूर्वाह्न
भावभीनी श्रद्धांजलि
By: Roshan Jaswal Vikshipt on जनवरी 1, 2010
at 11:01 पूर्वाह्न
आदरणीय अवस्थी जी को श्रद्धासुमन अर्पण । नमन।
By: आशुतोष मिश्र on जनवरी 5, 2011
at 5:22 अपराह्न