1-
जीवन हो गर छंदमय ,सब कुछ हो संगीत।
साँस -साँस संदल लगे,जीवन लगता गीत।।
2-
कण -कण में है गूँजता ,प्रेम भरा संगीत।
जीवन भी इक गीत है ,अगर गा सकें मीत।।
3-
प्रेम नाम विश्वास का ,प्रेम ईश का नाम ।
प्रेम मिले सद्कर्म से ,जीवन हो सुखधाम।।
4-
बाधा -विघ्न अनेक हैं, प्यार कहाँ आसान।
प्यार सफल हो जाय यदि ,समझें प्रभु वरदान।।
5-
जीवन में सुखमय वही , जिसके दिल में प्यार।
साँस-साँस थिरकन करे , विस्मृत हो संसार।।
6-
प्रेम सदा दिल से करें , इसमें ही आनंद ।
खेल न खेलें प्रेम में , जिसमें बहु छलछंद ।।
*डॉ. रमा द्विवेदी * @All Rights Reserved
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