Posted by: डॉ. रमा द्विवेदी | मार्च 27, 2019

अंतिम निर्णय -लघुकथा

पड़ोसन की बेटी जूली का प्रेम लवलीन से था और माँ बाप ने दोनों के प्रेम को स्वीकृति देते हुए उनकी सगाई भी कर दी थी | शादी की तारीख भी तै हो गई थी लेकिन अचानक ही एक दिन जूली का कै – दस्त की गंभीर शिकायत हुई | अपने परिवार के डॉक्टर को दिखा कर उसने दवा ले ली | पर पता नहीं क्या हुआ ? कै -दस्त तो बंद हो गए लेकिन जूली पूरी तरह से अंधी हो गई |
शादी रोक दी गई| बहुत इलाज करवाया गया लेकिन जूली की आँख की रोशनी वापस नहीं आई |
“जूली मैं अब भी तुमसे ही शादी करना चाहता हूँ बस तुम हाँ कर दो”| लवलीन ने कहा |
“ अब मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती लवलीन अगर तुम चाहो तो मेरी छोटी बहन से शादी कर सकते हो ”|
“नहीं मैं उससे शादी नहीं कर सकता क्योकिं मैं तुमसे प्रेम करता हूँ ”|
“मैं तुमसे अब शादी नहीं कर सकती क्योंकि मैं जीवन भर तुम्हारी दया का बोझ नहीं उठा पाऊँगी | यह सच है कि हम प्रेम करते थे लेकिन अब स्थितियाँ बदल गईं हैं | प्रेम भावना प्रधान अवश्य होता है लेकिन जीवन सिर्फ भावुकता से नहीं चल सकता और अब शादी न करने का यह मेरा अंतिम निर्णय है ”| जूली यह कहकर चुप हो गई |

-डॉ. रमा द्विवेदी

@सर्वाधिकार सुरक्षित


प्रतिक्रियाएँ

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अब अंतरिक्ष तक सर्जिकल स्ट्राइक करने में सक्षम… ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है…. आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी….. आभार…


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